अडानी के द्वारा अपनी कंपनियों के संचालन के लिए अन्य किसी संस्थाओं बैंक या अन्य किसी व्यक्ति के द्वारा लोन की लिया गया था। जो कि हाल ही में अडानी द्वारा वापस चुका दिया गया है। प्रत्येक कंपनियां अपने संचालन के लिए किसी ना किसी से लोन या ऐसा कहे कि पैसा उधार लेने का कार्य करती है।
लेकिन उसे इतना जल्दी नहीं चुका पाते जितना कि अभी हाल ही में अदानी ने चुकता किया है। क्या अडाणी ने इन पैसों को छुपाने के लिए किसी प्रकार का घोटाला किया है। या फिर से उसने किसी अन्य व्यक्ति से लोन लेकर अपना पहले का लोन चुकता किया है। क्या अडानी को इस लोन को चुकाने के लिए अपनी किसी कंपनी को बेचना पड़ा। अपने किसी कंपनी में शेयरो की संख्या घटानी पड़ी? क्या अडानी को किसी पार्टनर का सहारा मिला इन सभी सवालों के जवाब जानने के लिए इस पोस्ट को आगे पूरा पढ़िए।
अडानी के पास कहां से आया इतना पैसा
हिडनबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली है। जिसके कारण कंपनी काफी ज्यादा मुश्किल दौर से गुजरते हुए नजर आ थी। इस मुश्किल दौर में अडानी ग्रुप को जीक्युजी पार्टनर द्वारा सहारा दिया गया था। अमेरिकी फॉर्म ने 2 मार्च को अडानी इंटरप्राइजेज के 3.4% शेयर, अडानी पोर्ट्स के 4.1% शेयर, अदानी ग्रीन एनर्जी के 3.5%, अदानी ट्रांसमिशन के 3.5% शेयरों को खरीदा था। इसके लिए जीक्यूजी पार्टनर द्वारा 15446 करोड़ यानी कि 1.88 अरब डॉलर का भुगतान किया गया था।
अडानी द्वारा भुगतान
अडानी की ग्रुप कंपनियों ने हाल ही में 3 अरब डॉलर यानी कि ₹21000 करोड़ का कर्ज चुका कर अपने कंपनियों के शेयर को छुड़ाया है। इस मामले पर नजर रखने वाले दो एक्सपर्ट व्यक्तियों के अनुसार अडानी ग्रुप ने गिरवी रखे शेयर को छुड़ाने के साथ-साथ 3 घरेलू म्युचुअल फंड कंपनियों को भुगतान किया है। आपकी जानकारी के लिए हम बता दें कि अदानी ग्रुप द्वारा आज से पहले कभी भी ऐसा नहीं हुआ है कि अडानी ने अपनी इतनी बड़ी अमाउंट का कर्जा एक साथ चुकाया है। और ना ही इतना जल्दी चुका पाता है।
गिरवी रखे शेयरों की संख्या
अडानी ने मार्च तिमाही से पहले अडानी इंटरप्राइजेज 1.94% तक की शेयर गिरवी रखे हुए थे। लेकिन मार्च तिमाही के अंत तक इसकी संख्या घटकर 0.44% रह गई थी। अदाणीपोर्ट्स की गिरवी रखे शेयर 11.28 प्रतिशत से घटकर 2.84%, अदानी ग्रीन एनर्जी 2.65% से घटकर 2%, अदानी ट्रांसमिशन 4.92% से घटकर 2.69% रह गई है।
अडानी के इंटरनल नोट्स के अनुसार अडानी ग्रुप में एसबीआई म्युचुअल फंड्स को भेजे गए 3650 करोड रुपए के कमर्शियल पेपर, आदित्य बिरला सन लाइफ म्यूच्यूअल फंड को ₹500 करोड़ और एचडीएफसी म्यूचुअल फंड को ₹450 करोड़ का भुगतान किया है। इस पूरे मामले पर अडानी ग्रुप की तरफ से कोई अधिकारिक अभी तक जारी नहीं किया गया है।