कंपनी के शेयर में 99% की गिरावट, एक्सपर्ट बोले अभी खरीदें।

अभी निवेशकों के पास रिलायंस कैपिटल लिमिटेड के शेयरों में दाव लगाने का बेहतरीन मौका है। रिलायंस कैपिटल लिमिटेड के शेयरों में तगड़ी तेजी देखने को मिली है। इस तेजी से निवेशकों को काफी बेहतरीन मुनाफा हुआ है।

रिलायंस कैपिटल लिमिटेड के शेयरों में बाजार खुलने के साथ 4% की तेजी आई है। इस 4% की तेजी के साथ ₹9.05 पर ट्रेड कर रहे हैं। कल बुधवार को इस कंपनी के शेयर 1.56% की गिरावट के साथ बंद हुए थे।

शेयर में तेजी का कारण

रिलायंस कैपिटल लिमिटेड के शेयरों में तेजी आने की एक प्रमुख वजह यह है कि कर्ज में डूबी कंपनी रिलायंस कैपिटल लिमिटेड Reliance capital limited की बिक्री हेतु बुधवार को आयोजित नीलामी के दूसरे चरण में हिंदुजा समूह की कंपनी IIHL 9650 करोड़ रुपए की बोली के साथ सबसे बड़ी बोली करता बनकर उभरी है।

सूत्रों के मुताबिक पता चला है कि बुधवार को ऑनलाइन नीलामी के दूसरे दौर में सबसे ऊंची बोली इंडसाइड इंटरनेशनल होल्डिंग्स लिमिटेड ने लगाई है। इसके साथ ही IIHL ने असियल के अधिग्रहण के लिए 9650 करोड़ों रुपए की बोली लगाई है। बोली कि यह रकम नीलामी के पहले दौर में टोरेंट इन्वेस्टमेंट्स की तरफ से लगाई गई 8640 करोड़ों रुपए की बोली के करीब 1000 करोड रुपए अधिक है।

सूत्रों के मुताबिक नीलामी के दूसरे चरण में शामिल होने की मंशा जताने वाली दो अन्य पदमा टोरेंट इन्वेस्टमेंट और सिंगापुर की ऑकट्री ने बोली प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लिया। इस बारे में टिप्पणी हेतु हिंदुजा समूह को भेजे गए ईमेल का किसी प्रकार का कोई जवाब नहीं मिला। रिलायंस कैपिटल के नेताओं की समिति ने एक-दूसरे दौर की नीलामी के लिए 10000 करोड रुपए का आधार मूल्य तय किया था वही पहले दौर की नीलामी के लिए न्यूनतम बोली 9500 करोड रुपए तय की गई थी।

दुबारा नीलामी का कारण

IIHL कंपनी द्वारा 9650 करोड़ रुपए की राशि को नगद देने की बात कही। तथा सीओसी द्वारा कम से कम 8000 करोड़ रुपए अग्रिम भुगतान करने को कहा गया। उच्चतम न्यायालय द्वारा दुबारा नीलामी की बोली लगाने के ऊपर फैसला लिया गया। उच्चतम न्यायालय की मंजूरी के दौरान हुई दुबारा नीलामी के ऊपर ही सारा निर्णय निर्भर करेगा।

पहले दौर में उच्चतम न्यायालय को चुनौती दी गई थी यह चुनौती पहले दौर की नीलामी में सर्वाधिक बोली लगाने वाली टोरेंट ने आई आई अचल पर बाद में संशोधित बोली लगाने का आरोप लगाते हुए दी गई। दिसंबर में आईआईएचएम के द्वारा पहले चरण में 8110 करोड़ों रुपए की बोली लगाई गई थी लेकिन बाद में संशोधित कर 9000 करोड़ रुपए की बोली लगाई गई।

कर्ज दाता आईआईएचएल के द्वारा लगाई गई बोली से संतुष्ट नहीं थे जिसके कारण उच्चतम न्यायालय द्वारा दूसरे दौर की नीलामी हेतु फैसला किया गया था। इस निर्णय को राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण ने उचित ठहराया। अपीलीय न्यायाधिकरण के निर्णय को टोरेंट ने न्यायालय में चुनौती दी थी लेकिन उसने कोई रोक लगाने से मना कर दिया था।

शयरों की परफॉर्मेंस

रिलायंस कैपिटल के शेयर ने जनवरी 2008 में ₹2770 के लेवल को टच किया था इस कंपनी का 1 साल का लो प्राइस ₹7.60 है यह शेर वर्तमान प्राइस से लगभग 99% नीचे की ओर गिर चुका है। इसके बाद से शेयरों में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। जो कि अभी तक पहले जैसा ही है रिलायंस कैपिटल अभी हाल में दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही है तथा इस कंपनी के लिए नीलामी की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। इस नीलामी का पहला चरण दिसंबर में ही हो गया था परंतु कर्ज दाताओं की असंतुष्ट के कारण दोबारा प्रक्रिया की जा रही है।

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